Credit Card के खर्च पर सरकार ने बदले कुछ नियम, कैसे पड़ेगा असर, समझें | Studyem Jobs


क्रेडिट कार्ड एक वित्तीय साधन है जिसके माध्यम से व्यक्ति सामान्य खरीदारी करने के लिए उनके द्वारा प्रदान किए गए क्रेडिट का उपयोग कर सकते हैं। याह एक प्लास्टिक कार्ड होता है, जिससे लोग बिना कैश के बिजनेस कर सकते हैं। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके आप कभी भी बहुत सारा पैसा कमा सकते हैं, अगर आप इसका समय पर इस्तेमाल करते हैं। जब आप क्रेडिट कार्ड का प्रयोग करते हैं, तो आप बाद में उसका भुगतान करते हैं।

जब आप क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो आपको किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से क्रेडिट सीमा प्रदान करने की आवश्यकता होती है। क्रेडिट लिमिट वो आशी होती है, जिस से आप खरीदारी कर सकते हैं। आप अपनी क्रेडिट सीमा तक नियमित रूप से खरीदारी कर सकते हैं और हर महीने निश्चित दरों पर हमें राशि का भुगतान कर सकते हैं।

अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से विदेश में होने वाला खर्च labourlized remittance scheme (LRS) स्कीम के दायरे में लाने के लिए फेमा कानून में कुछ बदलाव करने का मकसद क्रेडिट और डेबिट कार्ड से भेजी गई राशि के टैक्स संबंधी पहलुओं में समानता लाना है यह सब वित्त मंत्रालय द्वारा बताया गया है.

क्या कहा मंत्रालय ने: वित्त मंत्रालय ने यह कहा है कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन संशोधन नियम 2023 के जरिए क्रेडिट कार्ड के जरिए विदेश में होने वाला खर्च भी भारतीय रिजर्व बैंक की एलआरएस योजना में शामिल कर लिया गया है. इससे यह होगा कि विदेश में खर्च की गई राशि पर लागू दरों पर सोर्सेज पर टैक्स कलेक्शन किया जा सकेगा. यदि टीसीएस देने वाला व्यक्ति टैक्स पर है तो वह अपने आयकर या एडवांस टैक्स देनदारियों के एवज में क्रेडिट या समायोजन का दावा कर सकता है.

इस वर्ष के बजट में विदेशी टूर पैकेज और एलआरएस के तहत विदेश भेजे गए पैसे पर टीसीएस को 5% से अधिकतम कर के 20% करने का प्रस्ताव रखा गया था और नई टैक्स व्यवस्था 1 जुलाई से प्रभावित होगी.

आखिर क्या है मामला: मंगलवार को मंत्रालय ने इस संदर्भ में एक अधिसूचना को जारी करके फेमा कानून में संशोधन किए जाने की जानकारी दी थी. इस अधिसूचना में एलआरएस को भी शामिल करने के बाद ढाई लाख रुपए से अधिक मुल्ले की विदेशी मुद्रा के किसी भी खर्च के लिए आरबीआई की मंजूरी लेनी आवश्यक होगी. इस अधिसूचना के पहले तक विदेश यात्रा के दौरान खर्चों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से किए गए भुगतान एलआरएस के दायरे में नहीं आते थे.

इस बदलाव पर संबंधित प्रश्नों एवं उनके जवाबों की एक सूची जारी करते हुए मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है और साथ ही साथ कहा है कि एलआरएस के तहत डेबिट कार्ड से किए गए भुगतान पहले ही शामिल थे. परंतु क्रेडिट कार्ड से विदेश में किए गए खर्च सीमा राशि में नहीं आते थे इसी कारण से कई लोग एलआरएस सीमा को पार कर जाते थे.

जो कंपनी विदेश पैसे भेजने की सुविधा प्रदान करती थी, उस कंपनी से मिले आंकड़ों से यह पता चला कि ढाई लाख रुपए की मौजूदा एलआरएस सीमा से अधिक खर्च की अनुमति वाले अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड जारी किए जा रहे हैं. मंत्रालय के मुताबिक आरबीआई ने भी कई बार सरकार को पत्र जारी किया है. और पत्र में लिखा था कि विदेश में डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले भुगतान को लेकर अलग बर्ताव खत्म किया जाना चाहिए.